शिक्षिका की विदाई ने रुला दिया पूरा गांव, 22 साल की सेवा बनी मिसाल
रोहतास (बिहार) — कहते हैं, एक अच्छा शिक्षक सिर्फ किताबें नहीं पढ़ाता, बल्कि जीवन का सबक भी देता है। इसका जीता-जागता उदाहरण है रोहतास जिले के अकोढ़ीगोला प्रखंड के बलिगांव स्कूल की शिक्षिका संगीता कुमारी, जिनकी विदाई ने पूरे गांव को भावुक कर दिया।
पिछले 22 वर्षों से बच्चों के जीवन में ज्ञान और प्रेरणा का उजाला फैलाने वाली संगीता कुमारी का तबादला धरहरा में हो गया। इस मौके पर स्कूल परिसर में एक विदाई समारोह आयोजित हुआ, जिसमें छात्र-छात्राओं के साथ शिक्षक, रसोईया और गांव के लोग भी शामिल हुए। समारोह का माहौल इतना भावुक हो गया कि कई आंखें नम हो गईं।
विदाई के दौरान छलके आंसू
कार्यक्रम के दौरान कई छात्राएं अपनी शिक्षिका से लिपटकर रो पड़ीं। सहकर्मी शिक्षक और रसोईया भी इस भावनात्मक क्षण में अपने आंसू रोक नहीं पाए। सोशल मीडिया पर इस विदाई का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे देखकर लोग शिक्षक-छात्र के गहरे रिश्ते को महसूस कर रहे हैं।
सादगी और समर्पण का प्रतीक
संगीता कुमारी अपनी सादगी और अनोखे पढ़ाने के अंदाज के लिए जानी जाती थीं। उन्होंने बच्चों को सिर्फ किताबों का ज्ञान ही नहीं दिया, बल्कि जीवन में आगे बढ़ने और सपनों को पूरा करने की प्रेरणा भी दी। वह हर बच्चे को अपनी बेटी की तरह मानती थीं, और इसी वजह से उनका गांव से गहरा भावनात्मक रिश्ता बन गया था।
विदाई में दिया प्रेरणादायक संदेश
बच्चों को संबोधित करते हुए संगीता ने कहा, “पढ़ाई में मेहनत करो और अपने सपनों को पूरा करने से कभी पीछे मत हटो।” उन्होंने विश्वास जताया कि यह गांव और इसके बच्चे शिक्षा में नई ऊंचाइयों को छुएंगे।
एक मिसाल बन गई कहानी
यह विदाई सिर्फ एक शिक्षिका का स्थानांतरण नहीं, बल्कि एक ऐसी प्रेरणादायक कहानी है जो दिखाती है कि समर्पण, स्नेह और मानवता किसी भी रिश्ते को कितना गहरा बना सकते हैं। संगीता कुमारी की यह यात्रा आने वाले समय में भी गांव को याद रहेगी।